Hue and cry across world regarding rigging in general elections Pakistan/आम चुनाव में धांधली को लेकर जब दुनिया भर में हुई थू-थू तो पाकिस्तान ने बताया आंतिरक मामला, दूसरे देशों को कही ये बात

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प्रतीकात्मक फोटो। - India TV Hindi

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प्रतीकात्मक फोटो।

इस्लामाबाद:पाकिस्तान के आम चुनाव में धांधली को लेकर जब पूरी दुनिया ने उसकी निंदा की तो पाक का दर्द सामने आ गया। पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में हाल ही में संपन्न हुआ संसदीय चुनाव उसका आंतरिक मामला है। उसने इस बात पर बल दिया कि इस संबंध में उसका हर कदम उसके अपने संवैधानिक दायित्वों के अनुरूप है और किसी बाहरी सलाह से प्रभावित नहीं है। कई देशों के थिंक टैंक, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने मतदान के दिन आठ फरवरी को कथित अनियमितताओं की निंदा की और साथ ही चुनाव के पूरे नतीजे की घोषणा में की गयी देरी को धांधली करार दिया था ।

बता दें कि पाकिस्तन में खंडित जनादेश के कारण अब तक नयी सरकार का गठन नहीं किया गया है और इस बात की संभावना है कि ताकतवर सेना के परोक्ष समर्थन से यहां एक गठबंधन सरकार का गठन किया जाये । पिछले सप्ताह देश में हुये आम चुनाव पर वैश्विक प्रतिक्रिया के संबंध में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुये विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि पाकिस्तान एक लोकतांत्रिक देश है और आम चुनाव में लाखों मतदाताओं ने हिस्सा लिया था। बलोच ने सप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘पाकिस्तान अपने संविधान के दायित्वों को गंभीरता पूर्वक लेता है और यहां की आवाम आजादी और लोकतंत्र के अधिकार का आनंद लेने के लिये स्वतंत्र हैं ।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘इस संबंध में पाकिस्तान की ओर से उठाया जाने वाला हर कदम उसके अपने संवैधानिक दायित्वों के अनुरूप है, और बाहरी सलाह से प्रभावित नहीं है।

पाकिस्तान में देरी से जारी किए गए चुनाव परिणाम

बलोच ने कहा कि पाकिस्तान ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के प्रति देश की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रमंडल के एक समूह सहित विदेशी पर्यवेक्षकों का स्वागत किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक समूह की अंतरिम रिपोर्ट में आम चुनावों की ‘पारदर्शिता और भागीदारी प्रकृति’ पर भी प्रकाश डाला गया है। पाकिस्तान में व्यापक चुनावी प्रक्रिया समय पर संपन्न हो गई। देश के 12वें आम चुनाव में लगभग छह करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही लेकिन चुनाव के दिन मोबाइल सेवाएं निलंबित कर दी गईं, जिससे प्रक्रिया पर संदेह पैदा हो गया। चुनाव परिणामों की घोषणा में भी एक दिन की देरी हुई, जिससे स्थानीय पार्टियों ने कड़ी आलोचना की। बाद में यह विरोध बढ़कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच गया।

अमेरिका समेत यूरोपीय संघ ने जताई चिंता

पाकिस्तान चुनाव में धांधली को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हिरासत सहित कथित चुनावी हस्तक्षेप पर चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनियमितताओं, हेराफेरी और धोखाधड़ी से भरी गतिविधियों के सभी आरोपों की व्यापक जांच की आवश्यकता है। इसी तरह की चिंता ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों एवं व्यापार विभाग ने भी व्यक्त की थी। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की एक रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि इन चुनावों की विवादास्पद प्रकृति से 24 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश में स्थिरता आने की संभावना नहीं है। (भाषा)

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